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निकटवर्ती मालवाड़ा में जन्माष्टमी पर्व पर मंहत सुखदेव मुनि व हनुमानदास के सानिध्य में गुरू जंभेश्वर भगवान के विशाल मेले का आयोजन हुआ।
मेले की पूर्व संध्या पर रविवार को रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें मंहत हनुमानदास सहित कई कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी। मेले के दौरान सवेरे गुरू जंभेश्वर के बताए शब्दों से यज्ञ कर पाहल किया गया। समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में मेले में भाग लेकर पाहल ग्रहण कर नशा प्रवृति को त्यागने का संकल्प लिया। इस दौरान आयोजित धर्मसभा में महंत सुखदेव मुनि ने लोगों से नशा प्रवृति व बुराइयों को त्यागने का आह्वान किया। महंत हनुमानदास ने समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षित नारी ही समाज का असली दर्पण है। इसी प्रकार निकटवर्ती सरनाऊ में चल रही हरिकथा में आचार्य गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री ने कहा कि परमपिता परमात्मा वह सत्य नाम है जो तीनों कालों में बदला नही जा सकता एवं नही उसका कभी अभाव होता है। आचार्य ने कहा कि किसी भी मंत्र को जपने पर शंका होती है तो उन्हें सार्थक लाभ प्राप्त नहीं होता है। उन्होंने कृष्ण भगवान व गुरू जंभेश्वर की जन्म लीला का वर्णन कर वातावरण को धर्ममय बना दिया। इस अवसर पर पूर्व आईजी उम्मेदाराम विश्नोई ने कहा कि जो व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार आचरण नहीं करता है वह कभी अपने जीवन में सफल नहीं होता है और ना हीं उसकी मुक्ति होती है। इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष भीयाराम, वरिगांराम, हीरालाल, सुजानाराम भादू, मुकनाराम और सुरजन जाणी सहित बड़ी संख्या समाज के लोग मौजूद थे।
आज भरा जाएगा विशाल मेला
सरनाऊ स्थित जंभेश्वर मंदिर में मंगलवार को विशाल मेला भरा जायेगा। मेले की पूर्व संध्या पर रात्रि को विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया एवं मेले के दिन सवेरे भगवान जंभेश्वर के बताये 120 शब्दों से हवन कर पाहल किया जायेगा। इस दौरान मेले में आयोजित धर्मसभा में पृूर्व मानिटरिंग सलाहकार लादुराम विश्नोई, पूर्व प्रधान सुखराम विश्नोई, पीसीसी सदस्य व भामाशाह मोहन कुमार विश्नोई, भीखाराम विश्नोई, महंत चेतनदास पुर और जनजागरण मंच तहसील अध्यक्ष सुरजनराम साहू सहित बड़ी संख्या में विश्नोई समाज के लोग भाग लेंगे।
करड़ा. विश्नोई समाज के आराध्य देव जम्भेश्वर भगवान की जन्माष्टमी सोमवार को समाज बंधुओं द्वारा धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर डीगांव स्थित जम्भेश्वर भगवान मंदिर में भजन कीर्तन कार्यक्रम हुआ। जिसमें महिलाओं ने भजन कीर्तन कर दान पुण्य किया। इस अवसर पर समाजबंधुओं द्वारा जम्भेश्वर भगवान द्वारा प्रतिपादित १२० शब्दों का पाठ कर गुरूमंत्र से निर्मित पाहल को ग्रहण किया।
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