भास्कर न्यूज करडा
कोटड़ा गांव में मंगलवार से सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा शुरू हुई। कथा के पहले दिन विश्नोई समाज के संत राजेंद्रानंद ने भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा, आम आदमी का प्राणी मात्र के प्रति दया व प्रेम भाव रखने से मानव मात्र का कल्याण होगा। उन्होंने कहा अपने व पराए की भावना का परित्याग करते हुए जीव मात्र के प्रति दया और प्रेम भाव से सौहार्द का वातावरण बनेगा तभी सभी का कल्याण होगा। उन्होंने झूठ, कपट, निंदा, वाद, मोह का परित्याग करते हुए प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखते हुए परोपकार करने की बात कही। संत ने धूम्रपान की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए इससे बचने की सलाह दी। संत ने कहा, माता-पिता का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर सुयोग्य नागरिक बनाएं। प्रतिदिन 12 से 4 बजे तक कथा का वाचन किया जा रहा है। हरिकथा का समापन 26 मई रविवार को होगा। उस दिन समाज बंधु गुरुमंत्र से निर्मित पाहल ग्रहण कर नशावृति का त्याग करेंगे।
कोटड़ा गांव में मंगलवार से सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा शुरू हुई। कथा के पहले दिन विश्नोई समाज के संत राजेंद्रानंद ने भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा, आम आदमी का प्राणी मात्र के प्रति दया व प्रेम भाव रखने से मानव मात्र का कल्याण होगा। उन्होंने कहा अपने व पराए की भावना का परित्याग करते हुए जीव मात्र के प्रति दया और प्रेम भाव से सौहार्द का वातावरण बनेगा तभी सभी का कल्याण होगा। उन्होंने झूठ, कपट, निंदा, वाद, मोह का परित्याग करते हुए प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखते हुए परोपकार करने की बात कही। संत ने धूम्रपान की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए इससे बचने की सलाह दी। संत ने कहा, माता-पिता का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर सुयोग्य नागरिक बनाएं। प्रतिदिन 12 से 4 बजे तक कथा का वाचन किया जा रहा है। हरिकथा का समापन 26 मई रविवार को होगा। उस दिन समाज बंधु गुरुमंत्र से निर्मित पाहल ग्रहण कर नशावृति का त्याग करेंगे।
जाम्भाणी हरिकथा मैं प्रवचन देते राजेन्द्रनन्द महाराज
जाम्भाणी हरिकथा मै मौजुद लोग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें