भास्कर न्यूज़.करड़ा
समय के साथ ही जागृत हो जाना अपने घर, सम्पति, समाज व देश के लिए जरूरी है। यह बात भैंसारियां नाडी चितलवाना में जांभाणी हरिकथा में हरिद्वार से आए संत राजेन्द्रानन्द महाराज ने कही।
संत ने विश्नोई समाज के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बीस एवं नौ नियमों के पालन कर धर्म की राह पर चलने वाले व्यक्ति को कोई भी समस्या नहीं आएगी। धर्म व कुल की मर्यादा में चलना ही सबसे अच्छा है। उन्होंने उन्नतीस नियमों की महिमा के बारे में भी विस्तार से बताते हुए कहा कि सूर्य उदय से पहले स्नान कर अपना दूसरा कार्य करना चाहिए। इस दौरान महाराज ने भजन कीर्तन भी किया।
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