रविवार, 6 नवंबर 2011

चरित्र बनाता है व्यक्ति को समृद्ध : कृपाचार्य

भास्कर न्यूज करडा 
चरित्र व शीलवान व्यक्ति यश और समृद्धशाली होता है, परिवार और आदर्श समाज के लिए बालकों को चरित्रवान संस्कार देकर समृद्ध समाज का निर्माण किया जा सकता है। यह बात निकटवर्ती कमालपुरा में जांभाणी सत्संग ज्ञान यज्ञ कथा के पांचवे दिन बणीधाम के स्वामी कृपाचार्य ने कथा वाचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि समाज में रहने वाले व्यक्ति ने अगर धन खो दिया है कुछ भी नहीं खोया, स्वास्थ्य खो दिया है, तो कुछ खोया है, अगर चरित्र खो दिया है, तो समझो सबकुछ खो दिया। उन्होंने चरित्रहीनता की तुलना मोठ मेें पड़े घुन से करते हुए कहा कि जिस पर घुन पड़ा हुआ थोथा दाना कोई काम नहीं उसी प्रकार चरित्र के अभाव में व्यक्ति खोखला हो जाता है, रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि रावण जैसे बुद्धीजीवी राजा जो सोने की नगरी पर राज करता था। स्वयं यमराज भी उसके वश में थे, लेकिन चरित्र हनन होते ही उसका भी पतन हो गया। उन्होंने जीवन में शील को धारण करने की बात कहते हुए कहा कि शील से गुणवान व्यक्ति ईष्र्या, कामना और लालच से मुक्त रहकर चरित्र उत्थान में परिपक्व होता है। उन्होंने जांभोजी द्वारा प्रतिपादित जीव दया पालणी रूंख लीलो नहीं घावे...की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान जंभेश्वर ने आज से साढ़े पांच सौ वर्ष पूर्व वृक्षों एवं पर्यावरण की रक्षा का संदेश देते हुए कहा कि पेड़-पौधे प्रकृति के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। इस अवसर पर स्वामी भागीरथदास शिक्षा शास्त्री ने आशीर्वचन कहे। इस मोके पर यजमान डॉ. बाबूलाल जांणी, फगलूराम खीचड़, बाबूलाल डारा, दूदू सरपंच महिपाल भादू, रमेश राहड़ अध्यक्ष अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा, वृक्ष मित्र साहबराम विश्नोई, हनुमान जांणी, पंचायत समिति सदस्य हीराराम पुरोहित, पूर्व प्रधान सुखराम विश्नोई, तेजाराम विश्नोई, पार्षद बीरबल पूनीया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

कथा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
बणीधाम के स्वामी कृपाचार्य द्वारा पिछले पांच दिन से की जा रही जांभाणी कथा ज्ञान यज्ञ में भक्तिरस धारा से श्रद्धा का ज्वार उमड़ रहा है। कथावाचन के साथ-साथ मधुर भक्तिगीतों पर श्रद्धालु झूम रहे हंै। कथा में भाग लेने के लिये क्षेत्र सहित पंजाब, हरियाणा व राज्य के अन्य जिलों से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है।

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