बुधवार, 12 जून 2013

विशनोई का स्वागत

करडा डीगाव मे शुक्रवार को महीला कांग्रेस की अध्यक्ष विजय लक्षी विश्नोई के पहुचने पर समाज के लोगों की और से स्वागत किया गया ! सांचोर मे एक कार्यक्रम मे भाग लेने जाते समय वे डीगावे रुकी ! इस दौरान गंगाराम खिचड , फगलुराम खिचड, अर्जुन सियाक, तुलसाराम खिलेरी, मलाराम, जगदीश कुमार समेत काफी   संख्या मे समाजबन्धु उपस्थित थे !
डीगाव मे पहुचने पर ग्रामीणो ने स्वागत किया!

गुरुवार, 30 मई 2013

भाटीप में जंभेश्वर भगवान की साथरी के लिए किया भूमि पूजन

करड़ा. . ..     निकटवर्ती भाटीप गांव में मंगलवार को जंभेश्वर भगवान की साथरी निर्माण के लिए स्वामी भागीरथदास आचार्य के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया गया। इस अवसर पर विश्रोई समुदाय के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए समाज बंधुओं से सहयोग की बात कही। स्वामी भागीरथदास आचार्य ने समाज बंधुओं से समाज विकास में योगदान देने व नशा त्यागने की बात कही। इस अवसर पर लोगों को गुरुमंत्र से अभिमंत्रित पाहल देकर नशा नहीं करने का संकल्प दिलाया। 
भाटीप गांव में जंभेश्वर साथरी के लिए भूमि पूजन करते संत व समाजबंधु। 

गुरुवार, 23 मई 2013

मीठी वाणी से पराए भी अपने हो जाते है : संत राजेंद्रानंद

भास्कर न्यूज करड़ा
शब्द संवारे बोलिए, शब्द हाथ के पांव, एक शब्द है औषधि, एक शब्द है घाव। यह यह बात विश्नोई समाज के संत राजेंद्रा नंद महाराज ने कोटड़ा गांव में बुधवार को सात दिवसीय जांभाणी हरि कथा ज्ञान यज्ञ में उपस्थित समाज बंधुओं को प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने वाणी पर संयम रखने की बात कहते हुए कहा कि वाणी के द्वारा किसी का सम्मान नहीं कर सकते, तो किसी का अपमान भी नहीं करना, वाणी के द्वारा किसी का आदर नहीं कर सकते तो अनादर भी मत करना, वाणी मीठी नहीं बोल सकते, तो कड़वी वाणी बोलते समय थोड़ा विचार करना। जिस प्रकार एक शब्द औषधि बन जाया करता है, एक शब्द सुख पहुंचाने वाला है, एक शब्द आराम देने वाला होता है, एक शब्द से आदमी संतुष्ट हो जाता है, शां&52द्भ;ति मिलती है अगर उस शब्द मेंं शालीनता, सभ्यता, सज्जनता के साथ वाणी मे मिठास हो। शब्दों से, वाणी से पराए लोंग अपने हो जाते है, और अपने पराए हो जाते हैं। शत्रु, मित्र हो जाता है और मित्र, शत्रु। उन्होंने सेवा के बारे में बताते हुए कहा कि सेवा से काया निरोगी होती है। जो हमेंशा लोगों की सेवा मे रहता है, वह कभी बीमार नहीं होता। उन्होंने कहा कि मन को पवित्र करना हो तो प्रभु का स्मरण किया करो। प्रभु स्मरण से शरीर से कष्ट मिटेगा। प्रवचन के दौरान कोटड़ा सहित आस-पास के गांवों से आए लोग मौजूद थे। 
कोटडा मे हरीकथा मे प्रवचन देते संत राजेन्द्रानन्द्जी !

कोटडा मे हरीकथा के दौरान मौजूद श्रद्वालु !

बुधवार, 22 मई 2013

जांभाणी हरिकथा में संत ने दिए प्रवचन

भास्कर न्यूज  करडा
कोटड़ा गांव में मंगलवार से सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा शुरू हुई। कथा के पहले दिन विश्नोई समाज के संत राजेंद्रानंद ने भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा, आम आदमी का प्राणी मात्र के प्रति दया व प्रेम भाव रखने से मानव मात्र का कल्याण होगा। उन्होंने कहा अपने व पराए की भावना का परित्याग करते हुए जीव मात्र के प्रति दया और प्रेम भाव से सौहार्द का वातावरण बनेगा तभी सभी का कल्याण होगा। उन्होंने झूठ, कपट, निंदा, वाद, मोह का परित्याग करते हुए प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखते हुए परोपकार करने की बात कही। संत ने धूम्रपान की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए इससे बचने की सलाह दी। संत ने कहा, माता-पिता का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर सुयोग्य नागरिक बनाएं। प्रतिदिन 12 से 4 बजे तक कथा का वाचन किया जा रहा है। हरिकथा का समापन 26 मई रविवार को होगा। उस दिन समाज बंधु गुरुमंत्र से निर्मित पाहल ग्रहण कर नशावृति का त्याग करेंगे।
जाम्भाणी हरिकथा मैं प्रवचन देते राजेन्द्रनन्द महाराज

जाम्भाणी हरिकथा मै मौजुद लोग 
    

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

खेजड़ी की कटाई पर विश्नोई समाज ने जताया रोष

भास्कर न्यूज -!-  करड़ा 
निकटवर्ती वाडाभाडवी व पुनासा में पिछले कुछ दिनों से खेजड़ी के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है। जिसके बाद विश्नोई समाज ने आक्रोश जताया है। विश्नोई समाज की बैठक बुधवार को जंभेश्वर मंदिर वाडाभाडवी में हुई। जिसमें पुनासा सरपंच ठाकराराम विश्नोई ने बताया कि करीब एक माह से पुनासा व वाडाभाडवी में खेजड़ी के पेड़ों को काटकर बेचा जा रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन व पुलिस को भी अवगत करवा दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। किसान नेता रामकिशन विश्नोई ने बताया कि खेजड़ी के पेड़ की रक्षा के लिए विश्नोई समाज के 365 लोगों ने जान दे दी थी। इसलिए खेजड़ी के पेड़ का विशेष महत्व है। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा खेतों में खड़े हरे पेड़ों को काटकर बेचा जा रहा है। जिसको लेकर समाज में भारी आक्रोश है। श्याम खिलेरी ने बताया कि इस मामले में प्रशासन की ओर से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो समाज द्वारा जिलेभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

फाइलों में अटके लाखों रुपए

भास्कर न्यूज -!- करड़ा

डीगांव स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय की जर्जर स्थिति को देखते हुए पशुधन विकास बोर्ड की ओर से बीते साल जारी की गई लाखों की स्वीकृति अभी तक फाइलों में ही अटकी पड़ी है। इस राशि के उपयोग को लेकर कार्यकारी एजेंसी को विभाग ने कई बार अवगत भी कराया, लेकिन अभी तक इस भवन की दशा सुधर नहीं पाई है। ऐसे में अगर समय रहते इस राशि का उपयोग नहीं किया तो इसका बजट भी लैप्स हो सकता है।

जानकारी के अनुसार पशुधन विकास बोर्ड की ओर से बीते साल इस पशु चिकित्सालय भवन के पुनरुद्धार, मरम्मत, चार दीवारी निर्माण व पेयजल टांका समेत विभिन्न कार्यों के लिए 10 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। साथ इस कार्य के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्यकारी एजेंसी बनाई गई थी, लेकिन स्वीकृति जारी होने से लेकर अब तक कई बार पशुपालन विभाग की ओर से कार्यकारी एजेंसी को अवगत कराया गया। साथ ही कार्य का तकमीना बनाकर भी भेजा गया। इसके बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में एजेंसी की ओर से निर्माण कार्य को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और भवन की स्थिति दिनों दिन जर्जर होती जा रही है। वहीं जर्जर भवन के कारण चिकित्साकर्मियों को भी काफी परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि जल्द ही निर्माण कार्य नहीं किया गया तो बारिश के मौसम में स्थिति काफी विकट हो जाएगी। भवन पुराना होने से बारिश के समय छतें टपकती रहती हैं। साथ ही दरवाजे भी टूट चुके हैं। इस स्थिति में भवन हमेशा खुला ही रहता है।
सालों पहले बना था भवन : जानकारी के अनुसार डीगांव स्थित पशु चिकित्सालय भवन वर्ष 1993 में जवाहर रोजगार योजना के तहत बनाया गया था। इसके अलावा इस भवन की चारदीवारी का कार्य भी अधूरा ही पड़ा है। ऐसे में यहां कार्यरत चिकित्साकर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं बारिश के समय छत टपकने से भवन में बैठना भी उनके लिए दूभर है।

इनका कहना
                           ॥भवन पुराना होने से काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है व दरवाजे भी टूट चुके हैं। जिसके चलते काफी परेशानी होती है। गत वर्ष पशुपालन विभाग की ओर से 10 लाख रुपए भवन मरम्मत व पुनरुद्धार के लिए स्वीकृत हुए थे। साथ ही पीडब्ल्यूडी को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने अभी तक इस कार्य का तकमीना नहीं बनाया है। जिससे निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है।
                                                    डां. वी.पी. सिंह, चिकित्सा प्रभारी, पशु चिकित्सालय, डीगांव